'इ इत्ता है, उ उत्ता है' मेरे द्वारा लिखी हुई बाल कविता संग्रह का शीर्षक है, जो नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया से 2011 ई. में प्रकाशित हु ई है। अपनी इसी पुस्तक के नाम पर मैंने अपने इस ब्लॉग का नामकरण किया है। यह ब्लॉग , हिन्दी में बाल साहित्य की कमी को दूर करने का एक विनम्र प्रयास है। मेरी शुरू से यह इच्छा रही है कि गंभीर कविताओं के साथ-साथ मैं बच्चों के लिए भी लिखूँ । यह ब्लॉग सामान्य तौर पर बाल-गीत और बाल कविताओं के लिए होगा, जो फिलहाल इसी संग्रह से लिया जाएगा। साथ ही उम्मीद करूँगा कि जो भी सज्जन इस ब्लॉग पर आएँ, वे कम से कम अपने बच्चों को इससे जरूर जोड़ें तथा अपनी प्रतिक्रियाव सुझाव देकर इसे निखारने में मेरी सहायता करें।
गुरुवार, 5 मई 2011
मामा की बिल्ली
मामा दिल्ली से आए,
प्यारी सी बिल्ली लाए।
बिल्ली बड़ी सयानी थी,
नाना की भी नानी थी।
दूध-मलाई खाती थी,
चूहों को बहलाती थी।
एक दिन घर से भाग गई,
पहुँच गई फिर वह दिल्ली।
मामा की प्यारी बिल्ली।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें